दोस्तों आज के हमारे इस ब्लॉग, TITAN का इतिहास : जानें आखिर कैसे हुई टाटा के इस मोस्ट सक्सेसफुल ब्रांड की शुरुवात? में हम हमारे चहीते भारतीय घड़ी निर्माता ब्रांड टाइटन की बात करेंगे। बात घड़ियों की हो और टाइटन का नाम ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता है, टाइटन एक ऐसा भारतीय ब्रांड है जिसे भारत के बच्चे बूढ़े सभी जानते हैं। इस ब्रांड ने कई सालों से अपनी क्वालिटी और हर वर्ग तथा उम्र के लोगों का ख्याल रखा है। आज भी जब हम किसी से पूछते हैं की आपकी पहली घड़ी कौनसी थी तो ज्यादातर लोग से यही सुनने मिलता है की टाइटन उनकी पहली घड़ी थी, या पिताजी ने मुझे अपनी टाइटन की घड़ी दी थी। ये एक ऐसा ब्रांड है जिससे हमारी भावनाएं जुड़ी हुई हैं।

जर्जिस देसाई को टाइटन का जनक माना जाता है।


टाइटन ने अपनी शुरुवात कलाई की घड़ियों से की थी ,लेकिन आज वो ज्वैलरी, परफ्यूम, एक्सेसरीज और आई केयर के बिजनेस में भी अपनी चमचमाती छवि बना चुकी है, टाइटन के पास अभी के समय में 18 ब्रांड्स है, इन सबमें सबसे ज्यादा बिजनेस घड़ियों, ज्वैलरी और चश्मों से आता है।


यकीनन टाइटन आज भारत के सबसे बड़े ब्रांड्स में से एक है, जिसने शुरू से ही अपने ग्राहकों की पसंद का खयाल रखा है और उनके दिलों को जीता है। इसके पीछे एक बड़ी वजह है उनके प्रोडक्ट्स की क्वालिटी जिसे टाइटन ने सालों से बरकरार रखा है। टाइटन शुरू से ही हर वर्ग और उम्र के लोगों का खयाल रखता है और समय के साथ हमेशा नए डिजाइन लेकर बाजार में आती है।


History Of TITAN : The Success Story
1980 के दशक का वो समय था जब भारतीय घड़ी बाजार में HMT का दबदबा था, लेकिन उस समय घड़ियों की मांग इतनी ज्यादा थी की HMT समय पर अपने ग्राहकों की मांग को पूरा नहीं कर पा रही थी, महीनो पहले ऑर्डर देना पड़ता था तब कही जाकर एक घड़ी मिलती थी। साथ ही कुछ लोग विदेशी घड़ियों को तस्करी करके यहां लाते और उन्हें ऊंचे दामों पे बेचा करते थे। इन्ही सब चीजों को देखते हुए टाटा इंडस्ट्रीज के जर्जिस देसाई के मन में एक भारतीय घड़ी ब्रांड बनाने का विचार आया जो उच्च क्वालिटी की हो और सभी को आसानी से उपलब्ध हो सके।जर्जिस देसाई को टाइटन का जनक माना जाता है।

ऐसे हुई शुरुवात:
टाटा इंडस्ट्रीज और TIDCO ( तमिलनाडु इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) की संयुक्त साझेदारी से साल 1984 में टाइटन कंपनी की स्थापना की गई। टाइटन ,टाटा इंडस्ट्री और तमिलनाडु का शॉर्ट फॉर्म है। 1987 में तमिलनाडु के होसुर में टाइटन की फैक्ट्री लगाई गई जहां कई तरह क्वार्ट्ज वॉच को बनाके मार्केट में उतारा गया, दिसंबर 1987 में बैंगलोर के सफीना प्लाजा में टाइटन ने अपना पहला शोरूम खोला जिसकी जानकारी अखबार के जरिए लोगो तक पहुंचाई गई, कुछ ही दिनों में वहां पेपर कटआउट लेकर घड़ी खरीदने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था।
टाइटन ने अपनी शुरुवात कलाई की घड़ियों से की थी ,लेकिन आज वो ज्वैलरी, परफ्यूम, एक्सेसरीज और आई केयर के बिजनेस में भी अपनी चमचमाती छवि बना चुकी है, टाइटन के पास अभी के समय में 18 ब्रांड्स है, इन सबमें सबसे ज्यादा बिजनेस घड़ियों, ज्वैलरी और चश्मों से आता है।

समय के साथ टाइटन और भी व्यापक होता गया है:
- 1992 में भारतीय महिलाओं को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से डिजाइन की गई महिलाओं की घड़ियां लॉन्च की गई जिसे टाइटन रागा कलेक्शन नाम दिया गया, बाद में 2006 में इसे एक सब-ब्रांड के रूप में पुनः लॉन्च किया गया था।
- 1994 में टाइटन ने अपने ज्वैलरी ब्रांड तनिष्क को लॉन्च किया जिसका पहला बुटीक 1996 में चेन्नई में खोला गया था।
- 1998 में भारतीय युवाओं को ध्यान में रखकर उनके लिए विशेष रूप से तैयार की गई घड़ियों एवं एक्सेसरीज का ब्रांड फास्ट्रैक लॉन्च किया गया जिसे 2003 में एक अलग से युवा ब्रांड के रूप रिलॉन्च किया गया था।
- 2007 में बैंगलोर के सफीना प्लाजा में ही टाइटन ने अपना पहला आईवियर स्टोर खोलकर प्रिस्क्रिप्शन आईवियर बिजनेस में अपना कदम रखा था, वर्तमान समय में टाइटन आईप्लस के 900+ स्टोर्स पूरे देशभर में स्थापित हैं।
- 2009 में टाइटन ने हीलियस स्टोर को लॉन्च किया और इसके साथ ही प्रीमियम मल्टीब्रांड वॉच रिटेलिंग में कदम रखा। इस स्टोर में प्रतिष्ठित हाई-एंड इंटरनेशनल ब्रांड्स की घड़ियां मिल जाती हैं।
- 2013 में टाइटन ने SKINN लॉन्च कर परफ्यूम बाजार में प्रवेश किया और भारतीय परफ्यूम उद्योग को नई परिभाषा दी। विश्व प्रसिद्ध मास्टर परफ्यूमर्स द्वारा बनाया गया SKINN फ्रांस में बनाया और बोतलबंद किया जाता है।

यकीनन टाइटन आज भारत के सबसे बड़े ब्रांड्स में से एक है, जिसने शुरू से ही अपने ग्राहकों की पसंद का खयाल रखा है और उनके दिलों को जीता है। इसके पीछे एक बड़ी वजह है उनके प्रोडक्ट्स की क्वालिटी जिसे टाइटन ने सालों से बरकरार रखा है। टाइटन शुरू से ही हर वर्ग और उम्र के लोगों का खयाल रखता है और समय के साथ हमेशा नए डिजाइन लेकर बाजार में आती है।

आपको बता दें कि वर्तमान में टाइटन कंपनी हर साल 1.6 करोड़ घड़ियां बना रही है जिसके ग्राहक 32 देशों में हैं। टाइटन विश्व की 5वी सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड कंपनी है, जिसके 2000 से ज्यादा रिटेल स्टोर्स हैं जिनमे 8000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। इनका सालाना टर्नओवर 4000 करोड़ से अधिक का होता है।

टाइटन को सिर्फ भारतीय बाजार में ही नहीं बल्कि अंतराष्ट्रीय बाजार स्तर पर भी नए डिजाइन और विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है। टाइटन स्विस, जापानी और फ्रेंच वॉच निर्माताओ का अनुकरण करते हुए घरेलू बाजार के लिए हमेशा नए डिजाइन तैयार करते आया है। टॉमी हिलफिगर, कोच, केनेथ कोल, पोलिस जैसे ब्रांड्स टाइटन के लाइसेंस ब्रांड्स में आते हैं। टाइटन इनकी बिक्री के साथ साथ सर्विस भी प्रदान करता है। टाइटन टाटा ग्रुप में आता है , टाटा एक ऐसा नाम है जिसपे आमजन को भरोसा है। यह हमारे देश का गौरव है, यकीनन देश की आर्थिक प्रगति में इसका बहुत बड़ा योगदान है।

टाइटन को सिर्फ भारतीय बाजार में ही नहीं बल्कि अंतराष्ट्रीय बाजार स्तर पर भी नए डिजाइन और विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है। टाइटन स्विस, जापानी और फ्रेंच वॉच निर्माताओ का अनुकरण करते हुए घरेलू बाजार के लिए हमेशा नए डिजाइन तैयार करते आया है। टॉमी हिलफिगर, कोच, केनेथ कोल, पोलिस जैसे ब्रांड्स टाइटन के लाइसेंस ब्रांड्स में आते हैं। टाइटन इनकी बिक्री के साथ साथ सर्विस भी प्रदान करता है। टाइटन टाटा ग्रुप में आता है , टाटा एक ऐसा नाम है जिसपे आमजन को भरोसा है। यह हमारे देश का गौरव है, यकीनन देश की आर्थिक प्रगति में इसका बहुत बड़ा योगदान है।