How to Identify fake watches - नकली घड़ियों की पहचान कैसे करें?


How to identify fake watches 

यह चर्चा का एक ऐसा विषय है, जो कभी खत्म नहीं होगा। जब तक इसमें आपका पैसा शामिल है, धोखाधड़ी के प्रयास होते रहेंगे और लोग नकली घड़ियाँ बेचने की कोशिश करते रहेंगे। हम 2000 रुपए में मिलने वाली नकली Rolex की बात नहीं कर रहे हैं जिसे आप एक मील की दूरी से पहचान सकते हैं की वह नकली है, बल्कि उस स्तर की नकली घड़ियों की बात कर रहे हैं जिसको पहचानने के लिए थोड़ी रिसर्च की ज़रूरत होती है जिससे कि आपको पता चले की आपको धोखा दिया जा रहा है या नहीं। इसीलिए इस पोस्ट How to identify fake watches में, आपको मैं नकली और असली घड़ी को पहचान कैसे करना है बताऊंगा।

How to identify fake watches

हालांकि हमें लगता है कि जब कोई आपको 90000 रुपए की Rolex Submariner दे रहा है तो आप जानते हैं कि आप ठगे जा रहे हैं, क्योंकि Submariner घड़ियों का औसत बाजार मूल्य ही 10 लाख से अधिक है। सस्ते रेट के लोभ में आकर कभी भी ऐसी गलती न करें, हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आपको पता हो कि आप क्या खरीद रहे हैं, खासकर उन डीलरों या विक्रेताओं से जिन्हें आप नहीं जानते।

Audemars Piguet से लेकर Zenith तक, सभी ब्रांड की घड़ियां बाजार में नकल के रूप में भी उपलब्ध हैं। वैसे तो असली घड़ी से नकली को अलग करने की कुछ तरकीबें हैं। कुछ सामान्य टिप्पणियों जैसे “ ऑथराइज्ड विक्रेता से खरीदें” और “अगर यह सच होने के लिए बहुत अच्छा लगता है, तो यह शायद सच है” के अलावा , आपको कुछ संकेतों की आवश्यकता है कि एक घड़ी में क्या-क्या देखना है और नकली घड़ी की पहचान कैसे करना है।

How to identify fake watches


Better yet : How to identify an authentic watch !

इसका जवाब घड़ी के विवरण में देख सकते है। इसके लिए थोड़े अनुभव की आवश्यकता होती है, और कुछ मामलों में, किसी विशेषज्ञ या घड़ी निर्माता की मदद भी लेनी पड़ सकती है, लेकिन एक ऑथेंटिक घड़ी की पहचान मुख्य रूप से कुछ विवरणों की जांच करके की जा सकती है।

इनमें घड़ी में इस्तेमाल होने वाले कुछ मटेरियल की जानकारी के साथ-साथ बाहरी भाग (जैसे- केस, ब्रेसलेट, क्राउन, पुशर, आदि) की फिनिश और क्वालिटी भी शामिल है। ब्रांड के logo का आकार, टाइपोग्राफी, डायल पर शब्दों का उपयोग (Swiss Made, T Swiss Made T, T < 25 Swiss Made, आदि।), घंटे के मार्करों का आकार, डायल पर प्रिंट की गुणवत्ता, इत्यादि की जांच परख कर हम असली और नकली घड़ी में फर्क कर सकते हैं।इसमें सावधानी बरतने की आवश्यकता भी है, क्योंकि कुछ घड़ी निर्माता अलग-अलग डायल सप्लायर के साथ भी काम करते हैं, और हर बदलाव या परिवर्तन यह मानने का कारण नहीं हो सकता है कि कोई चीज़ प्रामाणिक नहीं है।

कुछ ब्रांड्स नकली घड़ी बनाने वालों के लिए कुछ ज़्यादा मुश्किलें खड़ी करने के लिए खास तरह के 'वॉटर मार्क' का इस्तेमाल करते हैं। Omega अपनी घड़ियों के केसबैक में एक छोटा सा प्रतीक इंग्रेव करता है जिसे कॉपी करना मुश्किल लगता है (यह ग्लोब जैसा दिखता है), और Rolex अपने sapphire crystal में लेजर-नक़्क़ाशी से बने Crown logo का इस्तेमाल करता है और डायल (बाहरी रिंग) पर घड़ी का सीरियल नंबर दिखाता है। Rolex, Omega और कुछ अन्य बड़े ब्रांड के साथ यह समस्या है कि वे हमेशा (Rolex कभी नहीं) पारदर्शी केसबैक का इस्तेमाल नहीं करते हैं अन्यथा ज़्यादातर मामलों में, घड़ी में इस्तेमाल किए गए मूवमेंट से तुरंत पता चल जाता है कि घड़ी असली है या नहीं। जबकी कुछ मामलों में, नकली घड़ी बनाने वाले अपनी घड़ियों के लिए नकली ETA मूवमेंट या कभी कभी असली ETA मूवमेंट का इस्तेमाल भी करते हैं, लेकिन उन्हें असली घड़ी के बराबर फिनीशिंग नहीं दे पाते।

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उदाहरण के लिए, A.Lange & Söhne या Patek Philippe जैसे उच्च-स्तरीय टाइमपीसेस के समान दिखने वाले (अच्छी फिनीशिंग वाले) मूवमेंट का उत्पादन करना बहुत महंगा है या यूं कहें कि लगभग असंभव है, इसलिए हमें नहीं लगता कि इन ब्रांड्स की कॉपी करना आसान होगा।

सबसे बड़ी समस्या ऑथेंटिक विंटेज घड़ियों से नकली घड़ियों की पहचान करने में आती है, जहाँ नकली घड़ियाँ बनाने वाले लोग असली घड़ी के मूल भागों का उपयोग करके अत्यधिक मांग वाली (उदाहरण- Vintage Rolex Submariner) घड़ी तक बना ले रहे हैं। अतः हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप हमेशा उन्हीं विशेषज्ञों पर भरोसा करें जो इस मामले में आपकी मदद करने के लिए तत्पर हैं, जिन्हें आप अच्छे से जानते हैं।


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